नमन बुद्ध के श्री-चरणों में
सदभाव भरा विस्तार दिया,
मानवता को आकार दिया।
उनका वन्दन-अभिनन्दन ,
तप-त्याग,धर्म-आधार दिया।।
देकर नव सन्देश जगत को,
पन्थ नया दिखलाने वाले।
क्षमा,दया,करुणामय पावन,
जीवन-बोध कराने वाले।।
व्यर्थ जगत के सम्बन्धों में,
अनुपल जीवन बीत रहा।
काम-क्रोध,माया में उलझा,
नश्वर जीवन रीत रहा।।
मानवता की धर्म-ध्वजा को,
जन-जन तक पहुॅचाने वाले।
दिग्भ्रमित सत्य का शोधन कर,
मोक्ष-द्वार बतलाने वाले।।
नमन बुद्ध के श्री-चरणों में,
मद-मत्सर-क्रोध समर्पित है।
उर-वीणा का तार-तार नित,
क्षमाशील,सरल-अलंकृत है।।
कवि:
हरिश्चन्द्र त्रिपाठी 'हरीश'
रायबरेली, उतरप्रदेस।
संपर्क: 9415955693
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विषय विशेष:
भगवान बुद्ध की शिक्षाएं और आदर्श। कविता में भगवान बुद्ध के जीवन, उनकी शिक्षाओं और मानवता के प्रति उनके योगदान को उजागर किया गया है। कविता भगवान बुद्ध के आदर्शों और शिक्षाओं से समझ लेकर मानवता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करती है।
भगवान बुद्ध का शांति मार्ग:
भगवान बुद्ध ने अपने जीवन और शिक्षाओं के माध्यम से शांति और अहिंसा का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि जीवन में शांति प्राप्त करने के लिए हमें अपने मन को शुद्ध करना होगा और क्रोध, लोभ और मोह से मुक्त होना होगा। बुद्ध की शिक्षाएं हमें आत्म-ज्ञान और आत्म-नियंत्रण की ओर ले जाती हैं, जिससे हम शांति और सुख प्राप्त कर सकते हैं।
बुद्ध के अनुसार, शांति केवल बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह हमारे भीतर की शांति है जो हमें सच्ची शांति प्रदान करती है। उनकी शिक्षाएं हमें दूसरों के प्रति करुणा और सहानुभूति रखने तथा सभी जीवों के प्रति अहिंसा का पालन करने के लिए प्रेरित करती हैं। बुद्ध की शिक्षाएं हमें शांति और सद्भावना के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती हैं।
काव्य विश्लेषण:
यह कविता भगवान बुद्ध के प्रति श्रद्धा और सम्मान को व्यक्त करती है, जिसमें कवि हरिश्चन्द्र त्रिपाठी 'हरीश' ने बुद्ध के आदर्शों और शिक्षाओं को उजागर किया है। कविता में कवि ने बुद्ध के द्वारा दिए गए संदेशों और उनके जीवन के उद्देश्यों को व्यक्त किया है।
कविता के मुख्य बिंदु हैं:
1. भगवान बुद्ध के प्रति श्रद्धा और सम्मान
2. बुद्ध के आदर्शों और शिक्षाओं का वर्णन
3. मानवता और धर्म के महत्व को उजागर करना
4. काम, क्रोध और माया से मुक्ति की आवश्यकता
कविता की शैली में एक मार्मिक और भावपूर्ण अभिव्यक्ति है, जो पाठकों को भगवान बुद्ध के आदर्शों और शिक्षाओं को समझने और अपनाने के लिए प्रेरित करती है।
सार्वजनिक निवेदन:
हम सब धर्मों का सम्मान करते है और किसी भी प्रकार से किसी धर्म विशेष से प्रेरित प्रचार अथवा धर्म परिवर्तन का समर्थन नहीं करते हैं। हमारा मानना है कि कानून की छत्रछाया में रहकर ज्ञान किसी भी रूप में प्राप्त किया जा सकता हैं।
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